ATS की कीवर्ड स्कैनिंग कैसे काम करती है: एक गहन समझ
ATS क्या है?
ATS (Applicant Tracking System) एक सॉफ़्टवेयर है जिसका उपयोग कंपनियाँ नौकरी के आवेदनों को प्रबंधित करने के लिए करती हैं। यह सिस्टम रिज़्यूमे को स्कैन करता है, ताकि उम्मीदवारों की जानकारी को व्यवस्थित किया जा सके और सही उम्मीदवारों को चयनित किया जा सके। ATS की मदद से कंपनियाँ बड़ी संख्या में आवेदनों का प्रबंधन कर सकती हैं, जिससे चयन प्रक्रिया अधिक प्रभावी हो जाती है।
ATS की कीवर्ड स्कैनिंग कैसे काम करती है?
ATS सिस्टम रिज़्यूमे को स्कैन करते समय कुछ महत्वपूर्ण कीवर्ड्स और फ्रेज़ेज़ पर ध्यान केंद्रित करता है। ये कीवर्ड्स आमतौर पर नौकरी के विवरण में होते हैं और इन्हें सही तरीके से शामिल करना आवश्यक है। आइए जानते हैं कि ATS कीवर्ड स्कैनिंग कैसे काम करती है:
1. कीवर्ड पहचान
जब आप किसी नौकरी के लिए आवेदन करते हैं, तो नौकरी के विवरण में दिए गए कीवर्ड्स को पहचानना महत्वपूर्ण है। ATS सिस्टम उन कीवर्ड्स को खोजता है जो नौकरी के लिए आवश्यक होते हैं। उदाहरण के लिए, यदि नौकरी में “प्रोजेक्ट मैनेजमेंट” का उल्लेख है, तो आपके रिज़्यूमे में इस कीवर्ड का होना आवश्यक है।
2. कीवर्ड का स्थान
ATS केवल कीवर्ड्स की उपस्थिति पर ध्यान नहीं देता, बल्कि यह भी देखता है कि वे आपके रिज़्यूमे में कहाँ स्थित हैं। शीर्षक, कार्य अनुभव, और कौशल अनुभाग में कीवर्ड्स का होना अधिक महत्वपूर्ण है। यदि आप “प्रोजेक्ट मैनेजमेंट” को शीर्षक में या कार्य अनुभव में शामिल करते हैं, तो यह आपके रिज़्यूमे को अधिक प्रासंगिक बनाता है।
3. कीवर्ड का उपयोग
कीवर्ड्स का उपयोग करते समय ध्यान रखें कि वे स्वाभाविक रूप से आपके रिज़्यूमे में शामिल हों। केवल कीवर्ड्स को भरने से बचें। उदाहरण के लिए, “मैंने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में 5 साल का अनुभव प्राप्त किया है” जैसे वाक्य का उपयोग करें। इससे आपके रिज़्यूमे की गुणवत्ता भी बढ़ती है और ATS द्वारा इसे स्कैन करना आसान होता है।
ATS के लिए रिज़्यूमे बनाते समय ध्यान देने योग्य बातें
1. सरल और स्पष्ट प्रारूप
ATS सिस्टम जटिल प्रारूपों को समझ नहीं पाते। इसलिए, रिज़्यूमे को सरल और स्पष्ट रखना आवश्यक है। एक साधारण फॉन्ट, स्पष्ट शीर्षक और उचित अनुभागों का उपयोग करें।
2. कीवर्ड्स की विविधता
एक ही कीवर्ड के विभिन्न रूपों का उपयोग करें। जैसे, यदि नौकरी में “ग्राहक सेवा” का उल्लेख है, तो आप “ग्राहक सहायता” या “ग्राहक समर्थन” जैसे वेरिएंट्स का भी उपयोग कर सकते हैं। इससे ATS के लिए आपके रिज़्यूमे की प्रासंगिकता बढ़ती है।
3. रिज़्यूमे की लंबाई
रिज़्यूमे की लंबाई भी महत्वपूर्ण है। आमतौर पर, एक पेज का रिज़्यूमे सबसे अच्छा होता है, लेकिन यदि आपके पास अधिक अनुभव है, तो दो पेज का भी उपयोग किया जा सकता है। सुनिश्चित करें कि सभी महत्वपूर्ण जानकारी शामिल हो।
4. ATS अनुकूलित टूल्स का उपयोग
आप ATS के लिए अपने रिज़्यूमे को अनुकूलित करने के लिए विभिन्न ऑनलाइन टूल्स का उपयोग कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, MyLiveCV जैसे प्लेटफार्मों का उपयोग करके आप अपने रिज़्यूमे को ATS के अनुकूल बना सकते हैं। ये टूल्स आपको सही कीवर्ड्स और प्रारूप के बारे में सलाह देते हैं।
निष्कर्ष
ATS की कीवर्ड स्कैनिंग प्रक्रिया को समझना आपके रिज़्यूमे को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। सही कीवर्ड्स का चयन, उनका उचित उपयोग और एक स्पष्ट प्रारूप आपके चयन की संभावनाओं को बढ़ा सकता है। ATS के अनुकूल रिज़्यूमे बनाना एक महत्वपूर्ण कदम है जो आपको नौकरी पाने में मदद कर सकता है। अपने रिज़्यूमे को नियमित रूप से अपडेट करें और सुनिश्चित करें कि यह हर नौकरी के लिए अनुकूलित है।
प्रकाशित किया गया: दिस. 21, 2025


